पीलिया क्या है या jaundice [ आज हम इसके बारे मै विस्तार से जानेगे ]

पीलिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा, आंखों का सफेद भाग और श्लेष्मा झिल्ली पीले-नारंगी पित्त वर्णक बिलीरुबिन के उच्च स्तर के कारण पीली हो जाती है। पीलिया के कई कारण होते हैं, जिनमें हेपेटाइटिस, पित्त पथरी और ट्यूमर शामिल हैं। वयस्कों में, पीलिया का आमतौर पर इलाज करने की आवश्यकता नहीं होती है।




पीलिया  कब  हो सकता है 


पीलिया तब हो सकता है जब लीवर लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने के दौरान कुशलतापूर्वक संसाधित
 नहीं कर पाता है।
 स्वस्थ नवजात शिशुओं में यह सामान्य है और आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है।

 अन्य उम्र में, यह संक्रमण या जिगर की बीमारी का संकेत दे सकता है।

लक्षणों में त्वचा का पीला पड़ना और आंखों का सफेद होना शामिल हैं।

कुछ नवजात शिशुओं को एक-एक दिन के लिए प्रकाश चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।

 अन्य मामलों में, उपचार में अंतर्निहित कारण को संबोधित करना शामिल है।


पीलिया कैसे होता है पीलिया के प्रकार और उसके लक्षण और बचाव-----


पीलिया एक ऐसी बीमारी है जिसका यदि टाइम से इलाज न किया जाये तो

 किसी भी इन्सान की जान ले सकता है पीलिया एक तरह का ऐसा रोग होता

 है जिसमें मरीज की ऑंखें और त्वचा पीली पड़ जाती है इस स्थिति को

 पीलिया या जॉन्डिस कहते हैं यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है आज

 हम यंहा आपको बतायेंगे की पीलिया कैसे होता है और और यह कितने

 प्रकार का होता है और इस बीमारी से कैसे बचा जा सकते है और इसके क्या

 क्या लक्षण है क्योकि यदि आप खुद बचाव रखेंगे तो ही अपने आप को सही

 रख पाएंगे और डॉक्टर के पास जाने की जरुरत नही पड़ेगी |

पीलिया के प्रकार----

पीलिया तीन प्रकार का होता है

वायरल हैपेटाइटिस ए

वायरल हैपेटाइटिस बी

वायरल हैपेटाइटिस नान ए व नान बी।


पीलिया रोग के कारण-----


  • रोगी को बुखार रहना।
  • भूख न लगना।
  • चिकनाई वाले भोजन से अरूचि।
  • जी मिचलाना और कभी कभी उल्टियॉं होना।
  • सिर में दर्द होना।
  • सिर के दाहिने भाग में दर्द रहना।
  • आंख व नाखून का रंग पीला होना।
  • पेशाब पीला आना।


पीलिया  के लिये टेस्ट --


पीलिया  का पता  लगाने के लिये  रक्त मै बिलिरुबिन  की मात्रा  का पता लगाया जाता है 
लीवर  फग्सन टेस्ट भी कराया जा सकता है।






पीलिया को दूर  भगाने  के रामबान  उपाय ---


एक गिलास पानी में एक चम्मच त्रिफला भिगोकर रख दें। रातभर भि‍गोने के बाद सुबह इस पानी को छान कर पि‍एं। लगभग दो सप्ताह तक इस प्रयोग को करने ने बीमारी में काफी राहत मिलती है। 





2  एक गिलास पानी में खड़ी धनिया या धनिया के बीच रातभर भिगोकर रख दें। सुबह इस पानी को पी लें। प्रतिदिन ऐसा करने से पीलिया ठीक होने में मदद मिलती है। 




एक गिलास के जूस में चुटकी भर काली मिर्च और नमक मिलाकर सुबह के समय पीने से पीलिया में काफी लाभ होता है। टमाटर में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रोगों से लड़ने में सहायक है।




गोभी और गाजर का रस निकालकर, दोनों को समान मात्रा में मिलाकर पीने से भी पीलिया में बहुत लाभ होता है। इस रस का प्रतिदिन सेवन करने से जल्द ही बीमारी से छुटकारा मिल जाता है। 


नीम के पत्तों को धोकर इनका रस निकालकर रोगी को पिलाने से भी पीलिया में लाभ होता है। इसके लिए प्रतिदिन 1 चम्मच नीम के पत्तों का रस बेहद लाभदायक होता है।



पीलिया में नींबू, संतरा और विटामिन सी से भरपूर फलों का रस पीने से बहुत फायदा होता है। प्रतिदिन नींबू पानी पीने से भी आप इस बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।




7 इस बीमारी में हल्का और सुपाच्य भोजन ही लें तो बेहतर होगा। पतली खि‍चड़ी, दलिया, उबला आलू, शकरकंद ही चीजें खाना आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं। इसके अलावा गुड़, चीनी, मूली और छाछ का सेवन भी कर सकते हैं। 




8 गन्ने का रस पीना पीलिया के मरीजों के लिए रामबाण इलाज है। प्रतिदिन गन्ने का रस पीने से यह बीमारी जड़ से समाप्त हो सकती है। जितना हो सके इस अपनी डाइट में शामिल करें।




9 कच्चा और पका पपीता, मूली का रस, जौ, आमला, तुलसी, अनानास, दही आदि का प्रयोग पीलिया में आपको ठीक करने में मदद करेगा। इसके अलावा ग्लूकोज का सेवन करना न भूलें। 








  • 10 इस रोग में शरीर में पानी की कमी न हो, इसलिए भरपूर पानी पिएं, ताकि शरीर से हानिकारक पदार्थ उत्सर्जित हो सके। पानी को उबालकर पिएं, और बाहर का पानी पीने से बचें। 


इस पोस्ट मै इतना ही आशा है कि हमारे द्वारा दी गई जानकरी  से आपको  लाभ हो 

healthworkershraddha 

THANK  YOU





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