अपने लीवर को रखै स्वास्थ [ जानिये अपने यकृत [liver] को स्वास्थ रखने के रामबान उपाय ]

 आज  हम आपके लिये एक बहुत ही महत्वपूर्ण topic  लेकर आये है जो बर्तमान  मै  आज एक बहुत वडी समस्या बनी हुई है ----

आज  हम अपने लीवर के बारे मै उससे सम्बंधित  परेशानी ओर रोगो के बारे मै और उन रोगो से  अपने लीवर को स्वास्थ ओर SAFE  रखने के बारे  मै  आपको कुछ उपाय ओर सुझाब बतायेगे----

चलिये  जानते  है----

लीवर या यकृत  क्या है ----

यकृत या जिगर या कलेजा ( Liver) शरीर का एक अंग है, जो केवल कशेरुकी प्राणियों में पाया जाता है। इसका कार्य विभिन्न चयापचयों को detoxify करना, प्रोटीन को संश्लेषित करना, और पाचन के लिए आवश्यक जैव रासायनिक बनाना है।




शरीर में लिवर का काम क्या है?

लिवर हमारे शरीर का सबसे जरूरी अंग है. यह शरीर में भोजन पचाने से लेकर पित्त बनाने तक का काम करता है. लिवर शरीर को संक्रमण से लड़ने, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने, शरीर से विषैले पदार्थो को निकालने, फैट को कम करने और कार्बोहाइड्रेट को स्टोर करने से लेकर प्रोटीन बनाने में मदद करता है.



लिवर खराब होने पर क्या क्या लक्षण दिखाई देते हैं?


मुंह में दुर्गंध- लिवर खराब होने का एक और संकेत यह है कि इसमें मुंह में सड़ी हुई बदबू आने लगती है. हथेलियों में खुजली और जलन- लिवर डैमेज का एक और लक्षण ये है कि आपकी हथेलियों में लालिमा, जलन, खुजली बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. ये शरीर में असमान्य हार्मोन लेवल्स के कारण होता है




लीवर रोग कितने प्रकार के होते हैं? (Types of Liver Disease-

लीवर रोग मुख्य रूप से कई तरह के होते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

  1. पीलिया- यह सबसे लोकप्रिय लीवर रोग है, जिसमें आंखों का रंग पीला हो जाता है।

    आमतौर पर, पीलिया की समस्या नवजात बच्चों को अधिक होती है।

    यदि इसका सही समय पर इलाज न किया जाए, तो यह बच्चों के मौत का कारण भी बन सकता है।

  2. लीवर कैंसर- जब कैंसर के टिशू का निर्माण लीवर में हो जाता है, तो उसे लीवर कैंसर के नाम से जाना जाता है।

    लीवर में विभिन्न प्रकार के कैंसर हो सकते हैं, जिनमें से सबसे आम प्रकार हेपैटोसेलुलर कार्सिनोमा (Hepatocellular carcinoma) है, जिसकी शुरूआत मुख्य प्रकार के लीवर सेल (हेपेटोकोलेट) में होती है।

  3. हेपेटाइटिस- यह लीवर रोग का अन्य प्रकार है, जो हेपेटाइटिस वाइरस के कारण होता है।

    यदि इसका समस्या का समय रहते इलाज नहीं किया जाए तो यह घातक रूप ले सकती है।

  4. लीवर का खराब होना- लीवर का खराब होना (Liver Disease), लीवर रोग का सबसे साधारण प्रकार है, यह उस स्थिति में होता है, जब लीवर सही से कार्य नहीं कर पाता है।

    लीवर के खराब होने की संभावना उन लोगों में अधिक रहती है, तो शराब का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं।

  5. लीवर में सूजन होना- अक्सर ऐसा देखा गया है कि कुछ लोगों के लीवर में सूजन हो जाती है। यह समस्या मुख्य रूप से जंग फूड खाने, तेल वाले भोजन करने इत्यादि के कारण होता है।

    इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति का पेट साफ नहीं होता है और उसे दवाईयों का सहारा लेना पड़ता है।

  6. लीवर सिरोसिस- जब किसी व्यक्ति के लीवर में कोशिकाएं समाप्त हो जाती हैं और उनके साथ में फाइबर कोशिकाओं उत्पन्न हो जाती हैं, तो उस स्थिति को लीवर सिरोसिस (liver cirrhosis) के नाम से जाना जाता है।

    इस समस्या का समाधान केवल लिवर प्रत्यारोपण या लिवर ट्रांसप्लांट के द्वारा ही संभव होता है।

  7. फैटी लीवर- फैटी लीवर (Fatty Liver) से तात्पर्य ऐसी बीमारी से है, जब लीवर पर फैट या वसा के टिशू इकट्ठे हो जाते हैं।

    यह आज के दौर में काफी आम समस्या बन गई है, जिससे विश्व भर लगभग 28 प्रतिशत लोग प्रभावित हैं।





लीवर रोग का इलाज कैसे करें? (Treatment of Liver Disease in Hindi)

ज्यादातर लोग लीवर के रोग को एक लाइलाज समस्या समझते हैं और इसलिए वे इसका समाधान नहीं कराते हैं, लेकिन यह सत्य नहीं है बल्कि किसी भी अन्य बीमारी की तरह लीवर की बीमारी का भी इलाज संभव है, जिसे निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है-

  • ब्लड टेस्ट करना- लीवर के रोग का इलाज ब्लड टेस्ट के द्वारा भी किया जा सकता है, क्योंकि इसमें इस बात का पता लगाया जाता है कि यह बीमारी शरीर में किस हद तक फैल गई है।

    ब्लड टेस्ट के द्वारा इस बात का भी पता लगाया जाता है कि लीवर का रोग किस कारण से हुई है।

  • अल्ट्रासाउंड या सी.टी स्कैन करना- कई बार डॉक्टर लीवर के रोग का इलाज कुछ टेस्टों जैसे अल्ट्रासाउंट या सी.टी स्कैन के द्वारा भी करते हैं।

    इन टेस्टों के द्वारा इस बात का पता लगाया जाता है कि लीवर कितना खराब हो चुका है।

  • जीवन शैली को बदलना- लीवर के रोग के इलाज का सबसे साधारण तरीका जीवन शैली में बदलाव करना होता है, जिसमें पौष्टिक भोजन का सेवन करना, शराब की आदत न डालना इत्यादि कार्य शामिल होते हैं।

  • दवाई लेना- कई बार लीवर की बीमारी का इलाज दवाईयों के द्वारा भी किया जाता है।

    ये दवाईयां लीवर की बीमारी को रोकने का काम करती हैं।

  • लिवर ट्रांसप्लांट कराना- जब लीवर की बीमारी के इलाज अन्य कोई तरीके कारगार नहीं हो पाते हैं, तो उस स्थिति में लिवर ट्रांसप्लांट को किया जाता है।

    लिवर ट्रांसप्लांट में लीवर के खराब हिस्से को सेहतमंद व्यक्ति के लीवर से बदलना जाता है

लीवर रोग के जोखिम क्या हैं? (Side-Effects of Liver Disease-


यदि लीवर की बीमारी का सही समय पर इलाज न कराया जाए तो समय बीतने के साथ यह घातक रूप ले सकती है क्योंकि इसके कुछ जोखिम होते हैं, जो इस प्रकार हैं-

  1. हाइपरटेंशन का होना- समय के साथ लीवर के रोग के कई सारे जोखिम नज़र आने लगते हैं, जिनमें हाइपरटेंशन शामिल है, जिसे आमभाषा में उच्च रक्तचाप (High Blood pressure) कहा जाता है।

  2. संक्रमण का होना- कुछ लोगों को लीवर की बीमारी की कारण संक्रमण हो जाते हैं।

  3. लीवर का सही तरह का काम न करना- लीवर के रोग का सही समय पर इलाज न होने का असर उसकी कार्य क्षमता पर पड़ता है और वह धीर-धीरे पूरी तरह से खराब हो जाता है, जिसे लीवर का खराब होना (Liver Failure) कहा जाता है।

  4. रक्तस्राव का होना- कुछ लोगों में इसकी वजह से रक्तस्राव की समस्या हो जाती है। ऐसे में उन्हें चिकित्सा सहायता की जरूरत पड़ती है।

  5. अन्य बीमारी का होना- कई बार ऐसा भी देखा गया है कि लीवर की बीमारी के कारण कुछ लोगों को अन्य बीमारियां भी हो जाती हैं।

लीवर रोग से बचाव कैसे करें? (Prevention of Liver Disease-in Hindi)


जैसा कि ऊपर स्प्ष्ट किया गया है कि लीवर की बीमारी आज कल काफी तेज़ी से फैल रही है, ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि इससे कैसा बचा जा सकता है।

वे इस प्रश्न को लेकर काफी परेशान रहते हैं, यदि आप भी इसको लेकर परेशान हैं, तो आप निम्नलिखित तरीकों को अपनाकर लीवर के रोग से बच सकते हैं-

  • शराब का सेवन न करना- जैसा कि ऊपर स्पष्ट किया गया है कि लीवर के रोग शराब का अधिक सेवन करने से भी होते हैं, इसलिए इनसे बचने का सबसे आसान तरीका शराब का सेवन न करना है।

  • वजन को कायम करना- यदि कोई व्यक्ति लीवर के रोग से पीड़ित है तो उसे अपने वजन को नियंत्रित करना चाहिए ताकि उसके शरीर में शुगर स्तर और रक्तचाप का स्तर सामान्य रहें।

  • समय-समय पर दवाई लेना- लीवर के रोग से पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाईयों का सेवन समय-समय पर करना चाहिए ताकि वह जल्दी से ठीक हो सके।

  • पौष्टिक भोजन करना- किसी भी अन्य बीमारी की तरह लीवर के रोग में भी पौष्टिक भोजन का निर्णायक योग्यदान होता है, इसलिए इससे पीड़ित व्यक्ति को अपने भोजन पर पूरा ध्यान रखना चाहिए और केवल पौष्टिक भोजन का ही सेवन ही करना चाहिए।




  • त्वचा की देखभाल करना- लीवर के रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपनी त्वचा को पूरा ध्यान रखना चाहिए और उसे किसी भी तरह से संक्रमण से बचना चाहिए क्योंकि यह उसके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।

  • मास्क को पहनना- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को घर से बाहर जाते समय पर मास्क को पहनना चाहिए ताकि उसके शरीर कोई विषाक्त पदार्थ का प्रवेश न हो पाए।

  • मेडिकल सहायता लेना- लीवर के रोग से पीड़ित यदि कभी भी स्वास्थ संबंधी परेशानी होती है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि किसी भी तरह की लापरवाह करना उसकी ज़िदगी को खतरे में डाल सकती है।




जैसा कि हम सभी यह जानते हैं कि हर साल 28 जुलाई को विश्व लिवर दिवस (World Liver Day) के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों में हेपीटाइटिस के प्रति जागरूकता को बढ़ाना है।

हेपीटाइटिस लीवर की बीमारी (Liver Disease) के होने का प्रमुख कारण होता है, इसलिए यदि इस पर काबू पा लिया जाए तो इससे लीवर के रोग पर भी काबू पाया जा सकता है। इसके बावजूद यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब भी लोगों को लीवर के रोग की अत्याधिक जानकारी नहीं है, इसी कारण वे इसका सही इलाज नहीं करा पाते हैं।

इस प्रकार हमें उम्मीद है कि आपके लिए इस लेख को पढ़ना उपयोगी साबित हुआ होगा क्योंंकि हमने इस लेख में लीवर के रोग की आवश्यक जानकारी देने की कोशिश की है।

इस पोस्ट मै इतना ही , अगली पोस्ट मै हम आपको लीवर को  स्वास्थ रखने की आयुर्वेदिक कुछ औशधियो  के बारे मै जानकारी देगे  आशा है कि उससे आपको लाभ हो ।

healthworkershraddha

THANK YOU


Post a Comment

1 Comments

  1. really..i get a lot of knowledge from your blog.....thank u maa'm

    ReplyDelete